व्यायाम
सब लोगो को व्यायाम करना चाहिए| हर रोज़| क्यों?
क्यूंकि आज के आधुनिक युग मैं हम लोग आलसी हो गए हैं| सीढ़ियां लेने के बदले में लिफ्ट लेना, चलने के बदले में गाडी या स्कूटर चलाना और घर बैठे डिलीवरी होने पर बाज़ार भी जाने की ज़रुरत नहीं| पहले के ज़माने में लोग ज़्यादा चलते थे, साइकिल चलते थे और मेहनत का काम करते थे|
खाने में चर्बी की मात्रा भी बढ़ गयी है| इसलिए ही मोटापे की तादाद बढ़ रही है और ख़राब जीवन शैली से उत्पन होने वाली बीमारियां बढ़ रही है|
इसलिए तंदूरस्त रहने के लिए सब उम्र के लोगों को व्यायाम करना चाहिए |
1. कार्डियोवैस्कुलर व्यायाम (cardiovascular) – जिसमे ह्रदय की धड़कन तेज हो जाती है
व्यायाम दो तरह की होती है – एरोबिक (aerobic) और एनारोबिक (anaerobic) व्यायम
एरोबिक व्यायाम वो होता है जिसमे ह्रदय और सांस की गति में तेजी होती है और यह लम्बे समय तक जारी रहता है| इसके उदाहरण हैं साइकिल चलाना, तेजी से चलना, तैरना, सीढ़ियां चढ़ना, ज़ुम्बा, खेल जैसे की फुटबॉल, स्क्वाश और टेनिस|
धीमी तीव्रता वाली व्यायाम जैसे टहलना, छोटे बच्चों के साथ खेलना, या बागवानी वगेरे भी कर सकते हैं| यह वृद्ध लोगो के लिए और जिनको व्यायाम नया शुरू करना है उनके लिए है| ये कार्यकलाप की तीव्रता धीमे होने की वजह से, प्रयास होने चाहिए की तीव्रता बढ़ाते जाएँ|
नियमित व्यायाम करने के अनेक फायदे होते हैं| जैसे की चर्बी की मात्रा में सुधार (कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड), ब्लड प्रेशर और वजन में घटाव| इससे ह्रदय रोग, स्ट्रोक और डायबिटीज का जोखिम काम होता है|
एनारोबिक व्यायाम में काम समय में अधिकतम प्रयास की गतिविधि करनी रहती है| इसके उदहारण में है तेज दौड़ लगाना, भारी वजन उठाना () वगेरे|
अगर नये से व्यायाम चालू करनी है तोह उसकी तीव्रता धीमे धीमे बढ़ानी चाहिए| उदहारण से शुरुआत में १० मिनट चलने से धीमे धीमे ४५ मिनट चलना|
शरीर को भी व्यायाम से आदत हो जाती है, तो फायदा बनाए रखने के लिए व्यायाम का कार्यक्रम को बदलते रहना चाहिए और तीव्रता भी बढ़ाने चाहिए|
कार्डियोवैस्कुलर व्यायाम कितनी करनी चाहिए
१: HIIT (Crossfit): हफ्ते में २–३ बार
२: माध्यम तीव्रता की व्यायाम (जॉगिंग, तेज चलना, साइकिल): हफ्ते में ३–४ बार
३: धीमी तीव्रता वाली व्यायाम: जितना ज़्यादा कर सके उतना
२. ताकत बढ़ाने वाली व्यायाम (Strength training) – जिसमे मांसपेशियां शक्तिषाली होती है
मांसपेशियां () शरीर में समाये हुए ऊर्जा को जलने में मदद करता है| शरीर मांसपेशियों को ज़रुरत के मुताबिक बनाये रखता है| अगर मांसपेशियों (muscles) को इस्तेमाल नहीं करेंगे तोह उसकी मात्रा काम हो जाती है और शरीर कमजोर हो जाता है|
इस प्रकार के व्यायाम में वजन उठाना (weight lifting), मशीन पर वजन उठाके व्यायाम करना या फिर शरीर के वजन से ही व्यायाम करना (जैसे योग और पिलाटेस) शामिल है|
इस तरह की व्यायाम के फायदे है वजन घटना, हड्डी मजबूत होना और मासपेशियां शक्तिशाली होना|
शुरुआत के लिए: मशीन की मदद से वजन उठाना चाहिए
माध्यम या उच्च श्रेणी की लिए: मशीन पे ज़्यादा वजन उठाना चाहिए और धीरे धीरे मशीन की मदद के बिना वजन उठाना चाहिए| व्यायाम करने की प्रक्रिया सही होनी चाहिए नहीं तो चोट लग सकती है|
महिलाओं को वजन उठाने से गभराने की ज़रुरत नहीं है| ताकत बढ़ाने वाली व्यायाम (strength training) से उनका दिखावट पुरुषों जैसा नहीं हो जाएगा|
वजन कितना उठाना चाहिए? उतना वजन उठाना चाहिए जिससे वह व्यायाम १०–१२ बार दोहरा () सकते हैं| बहोत हलके वजन से ज़यादा व्यायाम करने से फायदा नहीं होता|
कसरत कितनी करनी चाहिए?
१८–६५ साल के लोगों के लिए
१५०–१८० मिनट हर हफ्ते – माध्यम तीव्रता का व्यायाम (=३० मिनट, हफ्ते के ५ दिन के लिए)
या
७५ मिनट हर हफ्ते – उच्च तीव्रता का व्यायाम
काम से काम इतनी व्यायाम की आवश्यकता होती है|
वजन घटने के लिए व्यायाम के साथ में खुराक को भी ध्यान में रखना चाहिए|
हर प्रकार की व्यायाम में कितनी ऊर्जा जलती है, यह जानने के लिए नीचे देखिये